श्रीराम ने शिव धनुष तोड़ सीता से ब्याह रचाया
रामू राजवंशी
मिश्रिख/सीतापुर: मिश्रिख क्षेत्र के ग्राम नईबस्ती प्रत्येक वर्ष की बात गोला बाबा स्थान पर मेले का आयोजन किया गया l आयोजित मेले में हरगांव क्षेत्र के ग्राम तिहार से आई रामलीला पार्टी द्वारा मंचन किया गया l जिसमे पांचवें दिन धनुष भंग व लक्ष्मण संवाद का दृश्य प्रस्तुत किया गया प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले में विशाल कन्या भोज भंडारे का आयोजन हुआ lरामलीला पार्टी का मंचन देख भक्तगण भाव विभोर दिखे l रामलीला के पांचवें दिन भगवान श्री रामचंद्र ने जनकपुरी में शिव धनुष तोड़ा। जिसके बाद उन्होंने माता सीता से विवाह रचाया। यह दृश्य देख राम भक्तों ने आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया। सुभाष बनखंडी में आयोजित रामलीला मैदान में चौथे दिन की लीला में सीता स्वयंवर में रावण-बाणासुर संवाद और लक्ष्मण-परशुराम संवाद की लीला का मंचन किया गया। राजा जनक के बुलावे पर विश्वामित्र अपने साथ श्रीराम और लक्ष्मण को लेकर स्वयंवर देखने के लिए जनकपुरी आते हैं। स्वयंवर में रावण भी पहुंचता है। मगर, धनुष उठाने के लिए पाताल लोक का राजा वाणासुर उसे मना करते हुए रहस्यमयी आकाशवाणी करता है। जिस पर रावण को स्वयंवर से जाना पड़ता है। उधर, कई राजाओं के धनुष को उठा तक न पाने से चिंतित राजा जनक निराश हो जाते हैं और क्षत्रिय वंश को चुनौती देते है। यह सुन लक्ष्मण क्रोधित हो जाते है। इसके बाद श्रीराम लक्ष्मण को समझाते हैं। इसी बीच मुनि विश्वामित्र श्रीराम को धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने की आज्ञा देते हैं। श्रीराम के प्रत्यंचा चढ़ाते वक्त धनुष टूट जाता है। इसके बाद श्रीराम और माता सीता का विवाह होता है। इस दौरान राम भक्तों में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है। तभी अचानक भरे स्वयंवर में परशुराम आ पहुंचते हैं और शिव के धनुष को टूटा देख आग बबूला हो जाते हैं। जिस पर लक्ष्मण उनके गुस्से को और भी बढ़ा देते हैं। उसके बाद श्रीराम परशुराम को बताते हैं कि शिव का धनुष उन्हीं के द्वारा तोड़ा गया है। परशुराम इसका परीक्षण भी करते हैं। इस अवसर पर मेला संचालक आनंद अवस्थी, नरेंद्र अवस्थी, विजय अवस्थी, निर्मल अवस्थी,पंकज शुक्ला, रजत अवस्थी, कामता यादव,गौतम मिश्र,हरद्वारी शुक्ला,पवन सिंह,कमलेश मिश्रा राजबहादुर यादव ,श्याम कुमार मौर्य ,वीरू, शिवम अवस्थी, रवि आदि हज़ारों लोग मौजूद रहे l
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