*3 वर्षों से शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहा ग्राम पंचायत अधिकारी*
रामू राजवंशी
मिश्रिख सीतापुर / ग्राम पंचायतों में प्रधानों और सचिवों के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के शासनादेश संख्या 730 / 33- 3 - 2022 -11 / 2022 दिनांक 26/ 04/22 के द्वारा वित्त आयोग के अंतर्गत मैटेरियल , ईंधन , स्टेशनरी व अन्य सामग्री अथवा सेवाओं की आपूर्ति हेतु पंचायती राज विभाग से जुड़े पदाधिकारी कर्मी के पारिवारिक सदस्यों व रिश्तेदारों द्वारा स्थापित फर्म कंपनीज से वेंडर के रूप में कार्य नहीं लिया जाएगा। लेकिन मिश्रिख ब्लाक में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी धीरेंद्र कुमार के द्वारा अपने सगे बड़े भाई की फर्म में मेसर्स नंदवंशी ट्रेडर्स एंड सप्लायर को शासनादेश के ठीक विपरीत विभिन्न ग्राम पंचायतों में सामग्री का भुगतान किया गया है जिसका विवरण निम्नलिखित है।
बहुती ग्राम पंचायत में तीन बिलों के माध्यम से बाउचर नम्बर 5THSFC/2022-23/P/29 के माध्यम से 16/11/22 को 35525 रुपये तथा 5THSFC/2022-23/22-3/P/15 से दिनाँक 19/10/22 को 46660 रुपये तथा बिल नम्बर XVFC/2022-23/P/15 के माध्यम से दिनाँक 04/03/2023 को 52237 रुपये तथा जसरथपुर ग्राम पंचायत में तीन बिलों के माध्यम से क्रमशः बिल नम्बर 5THSFC/2022-23/P/7 के माध्यम से दिनाँक 2/05/22 को 55450 रुपये तथा बिल नम्बर XVFC/2022-23/P/1 के माध्यम से दिनाँक 4/03/22 को 48901 रुपये व बिल नम्बर XVFC/2022-23/P/5 के माध्यम से दिनाँक 26/05/22 को 68313 रुपये का जहाँ भुगतान किया गया है। वही जिहुरा ग्राम पंचायत में दो बिलों के माध्यम से 5THSFC/2022-23/P/13 के माध्यम से दिनाँक 6/10/22 को 135667 रुपये तथा XVFC/2022-23/P/13 के माध्यम से दिनाँक 19/10/22 को 32190 रुपये का भुगतान किया गया है। इस तरह से जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते शासनादेश की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई है। मामले में जब सहायक विकाश अधिकारी ब्रेम कुमार से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में मेरे द्वारा जिला पंचायत राज अधिकारी सीतापुर को पत्र भेज दिया गया है। ग्राम पंचायत अधिकारी धीरेंद्र कुमार को कारण बताओ नोटिस कई बार भेजी जा चुकी है लेकिन उनके द्वारा मनमाने रवैये के चलते नोटिस रिसीव नहीं की जा रही है।
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