चुनावी घमासान में एक प्रत्याशी स्नातक दूसरी परास्नातक तीसरी प्राइमरी के बीच कड़ी टक्कर
सीतापुर/ स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर चल रहे घमासान में मिश्रित नैमिषारण्य नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए समर में डती 5 प्रत्याशियों में से प्रदेश के सत्ताधारी दल से उम्मीदवार सुमन भार्गव जहां स्नातक तक शिक्षित हैं वहीं विरोधी दल प्रत्याशी सुनीता पत्नी दीपक कुमार परास्नातक तक शिक्षा प्राप्त हैं जबकि निर्दलीय रूप से मैदान में टक्कर दे रही कुनती उर्फ कुन्ती देवी मात्र प्राइमरी तक ही शिक्षा प्राप्त हैं इतना ही नहीं मैदान में एक दूसरे को टक्कर देने वाली महिला प्रत्याशी जहां शिक्षा में ही आगे पीछे नहीं हैं वही धन संपत्ति के मामले में भी एक दूसरे के मध्य काफी अंतर प्रस्तुत किए गए शपथ पत्रों में उजागर किया गया है जिसके अनुसार अध्यक्ष पद की भाजपा प्रत्याशी के पास कुल ₹8660000 की चल अचल संपत्ति होना दर्शाई गई है वहीं सपा प्रत्याशी सुनीता पत्नी दीपक कुमार ने अपने पास ₹572600 की चल अचल संपत्ति होने का विवरण नामांकन के साथ प्रस्तुत शपथ पत्र में रिटर्निंग ऑफिसर के समक्ष प्रस्तुत किया गया है इसी तरह निर्दलीय प्रत्याशी मुन्नी देवी पत्नी रामस्वरूप ने अपने पास कुल ₹1000000 की चल अचल संपत्ति होने की घोषणा की गई है नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला इन तीनों प्रत्याशियों के मध्य ही माना जा रहा है जो चुनाव प्रचार और मतदाताओं से संपर्क करने में अपने समर्थकों और परिजनों के साथ जी जान से जुटी हुई है परिणाम का ऊंट किस करवट बैठेगा यह बात तो मतगणना के बाद ही सामने आयेगी। इतना ही नही यह भी बताते चलें कि बीते पालिका कार्यकाल के दौरान मिश्रित नैमिषारण्य पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर भाजपा की ही सरला देवी ने अपना कब्जा जमा लिया था। जबकि मैदान में डटी निर्दलीय मुन्नी देवी को लगभग 650 वोटों से ही परास्त होकर हार का मुंह देखना पड़ा था जबकि यहां चुनाव बीते कार्यकाल के पहले चुनाव में सपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर ही रहकर संतोष करना पड़ा था पालिका अध्यक्ष पद के लिए वर्तमान में चल रहे चुनावी घमासान में यहां त्रिकोणीय संघर्ष होने के ही आसार नजर आ रहे हैं और मैदान में डती तीनों प्रत्याशी और उनके परिवारीजन तथा समर्थक एक दूसरे को पछाड़कर यहां के पालिका अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने के लिए जीतोड़ मेहनत करने में लगे होकर मतदाताओं से हर संभव विकास कार्य कराकर क्षेत्र को चमकाने का वादा करने में लगे हुए हैं लेकिन मतदाताओं की खामोशी जैसे ही चुनाव की तिथि नजदीक आती जा रही है वैसे ही प्रत्याशी और उनके समर्थको की धड़कनें बड़ती जा रही हैं।
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