भा०कि०म०यूनियन के कार्यकताओं ने 4 सूत्रीय मांगों को लेकर तहसील में शुरू किया अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन।
मिश्रिख - (पूर्व में दिये गये ज्ञपन की समयावधि में कार्यवाही न होने पर समर्थकों के साथ आन्दोलित हो उठे है किसान नेता) भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राम राखन मौर्य ने संगठन के एक दर्जन से अधिक पुरुष और महिला सदस्यों के साथ 4 सूत्री मांगों को लेकर पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुरूप आज सोमवार को मिश्रित तहसील प्रांगण में अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन प्रारम्भ कर दिया है। आन्दोलित किसान नेता का आरोप है कि मिश्रित तहसील के गांव उत्तरधौना के जोत चकबन्दी आकार पत्र 45 में चिन्हित भूमि खा०स०271गा०स०672 के रकबा 3•०2 हे०मे अनु०जा० के लोगों को आवासीय पट्टे तत्कालीन शासन की नीतियों के अनुरूप दशकों पहले किये गये थे, यह जमीन बन्जर खाता के रूप में निहित है। आरोप के तहत राजस्व निरीक्षक ने दलितों की इस आवासीय पट्टा जमीन को ग़लत पैमाइश करके ग्राम अर्थापुर मजरा सरैया निवासिनी श्रीमती सुभाषिनी पत्नी सुकेश कुमार पाण्डेय और सुकेश कुमार को तिहद्दे से नाप न करके दलितों की पट्टा जमीन पर कब्जा ही नहीं करा दिया है बल्कि अन्य किसानों के खेत जाने वाली रास्ता को भी बन्द करा दिया है। समर्थकों के साथ धरने पर डटे किसान नेता राजस्व निरीक्षक गोपाल शुक्ला को सेवा मुक्त किये जाने की मांग उठा रहे है। समर्थकों के साथ आन्दोलित किसान नेता का आरोप है कि ग्राम गौउवापुर मजरा परसौली में गांव के पूरब खलिहान होते हुये स्वास्थ्य विभाग के उपकेन्द्र तक जाने वाले रास्ते को दबंगों ने जोत कर अपने खेतों में मिला लिया है जिससे अन्य किसानों को अपने खेतों तक जाकर जुताई बुवाई करने और खेतों में खड़ी गन्ना आदि की फसल के जरुरत के कार्य करने में काफी कठिनाई और दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है इस गलियारे को पैमाइश करा कर तत्काल अवैध कब्जे से मुक्त कराने की मांग दिये गये ज्ञापन में किसान नेता व्दारा उठाई गई है। इसी तरह किसान नेता ने समर्थकों के साथ दिये गये ज्ञापन में यह मांग भी उठाई है कि बच्चों के आय-जाति-निवास प्रमाण पत्र, तथा विरासत और दाखिल खारिज के मामलों को सम्बन्धित लोगों व्दारा लिये जाने वाले सुविधा शुल्क से मुक्त कराया जाय,साथ ही धान क्रय केंन्द्रो की स्थापना कराकर उनमें छोटे किसानों के धान की तौल और खरीद सुनिश्चित करते हुये प्रशासनिक स्तर से किसानों की फसलों को आवारा पशुओं के साथ ही बन्दों से बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग दिये गये ज्ञापन में की गई है।
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